जोधपुर लंबे समय से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूपी चलाने के लिए सरकार नए कदम उठा रही है परंतु वहां पर काम करने वाले ठेका कार्मि...
जोधपुर लंबे समय से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूपी चलाने के लिए सरकार नए कदम उठा रही है परंतु वहां पर काम करने वाले ठेका कार्मिकों का बहुत ही बुरा हाल है जिसका जीता जाता उदाहरण जोधपुर के उम्मेद अस्पताल के हालात भले ही अधीक्षक मोहन मकवाना अच्छे चरित्र के व्यक्ति हो परंतु उनके अधीनस्थ लगे ठेका कर्मियों के हालात बहुत बुरे हैं जिसमें अनेक फ्रंमे ऐसी है जिनमे मैं कार्य करने वाली ट्राली खींचने वाली महिलाओं के हालात तो बहुत बुरे हैं पिछले तीन माह से पीएफ का भुगतान नहीं होना पीएफ की डिमांड करने पर उनको धमकाना वह उनको काम से निकाल देना इस फर्म के सुपरवाइजर का यही काम है स्वयं सुपरवाइजर खुद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर व भारतीय जनता पार्टी के सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी जी का खास बता कर सभी कार्मिकों को ही नहीं बल्कि सरकारी अधिकारियों को तक धमका कर रखता है किसी भी कार्मिक को ठेके पर लगा हो तो सबसे पहले उसकी जेब भारी करनी पड़ती है जबकि फर्म के मालिक को इसकी जानकारी तक नहीं है अटेंडेंस भी आसानी से बन जाती है मैं कोई उच्च अधिकारी ऑब्जेक्शन करता है और नहीं कोई कुछ कहता है फर्म में लगे सुपरवाइजर अपनी मन मर्जी से आते व जाते है उन पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है यदि कोई अधिकारी उनको कुछ कह भी दे दो मंत्रियों का हवाला देकर चुप करवा दिया जाता है उम्मेद अस्पताल में ऐसे अनेक घोटाले है इनके एसएस न्यूज़ अब खुलासे करने जाएगी आगे की खबरों में ठेके पर लगने के लिए सुपरवाइजर द्वारा हजारों रुपए रिश्वत में लिए जाने की अभी खबर को प्रकाशित किया जाएगा ऐसे अनेको मामले है जो कि अब अगली प्रकाशित किए जाएंगे