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विधिक जागरुकता शिविर का किया आयोजन

बालोतरा । माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के एक्शन प्लान के निर्देशानुसार जारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा के तत्वा...

बालोतरामाननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के एक्शन प्लान के निर्देशानुसार जारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा के तत्वावधान में आज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बालोतरा में प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ दीप द्वारा विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिला लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम एवं साइबर अपराध के प्रति जागरुक करना है।

श्री सिद्धार्थ दीप ने उपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं व अधिकारीगण को संबोधित करते हुए बताया कि प्रिवेंशन ऑफ़ सेक्सुअल हैरेसमेंट एट वर्कप्लेस एक्ट, 2013 यह अधिनियम भारत में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने, निषिद्ध करने और निवारण करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पहले कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों में शिकायत दर्ज कराने और न्याय पाने की प्रक्रिया बेहद कठिन थी। लेकिन अब, च्व्ैभ् अधिनियम के लागू होने से महिलाओं को एक मजबूत आवाज मिली है और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया है। साथ ही बताया कि अधिनियम में यौन उत्पीड़न की एक व्यापक परिभाषा, जिसमें शारीरिक, मौखिक, और गैर-मौखिक व्यवहार शामिल हैं। हर संगठन में एक आन्तरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है, जिसमें कम से कम तीन सदस्य हों जिनमें से एक सदस्य महिला हो। यह समिति शिकायतों की जांच करती है और उचित कार्रवाई करती है। अधिनियम में शिकायत दर्ज करने, जांच करने और अपील करने की एक स्पष्ट प्रक्रिया दी गई है। नियोक्ताओं को यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय जिसमें उनके साथ घटित होने वाली साइबर ठगी, साइबर सुरक्षा, साइबर स्वच्छता व साइबर फ्रॉड एवं डिजिटल अरेस्ट से बचाव के विभिन्न पहलुओं पर भी संवाद किया गया। साथ ही उन्होंने बताय कि साइबर उपराध से बचने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति को बुनियादी सावधानी बरतनी चाहिए। अपने डिवाइस के लिए एंटीवायरस या सिक्योरिटी एप्लीकेशन का प्रयोग करना चाहिए। अपने डिवाइस पर आए मैसेज को बिना जांचे आगे प्रेषित नहीं करना चाहिए। इसका सही उपयोग मानव जीवन के लिए वरदान एवं इसका दुरूपयोग मानव जीवन के लिए संकट की स्थिति पैदा कर सकता है। साथ ही आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी जानकारी प्रदान की और नालसा व रालसा द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनओं तथा प्राधिकरण के कार्यों के बारे में अवगत करावाया गया।  
इस अवसर पर सुरेश पालीवाल, चण्डीदान चारण उपस्थित रहे व डॉ. रामेश्वरी चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।