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क्रीडा भारती जोधपुर महानगर द्वारा आयोजित पावन खिड़ दौड़

जोधपुर : क्रीडा भारती जोधपुर महानगर द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर एक पावन खिड़ दौड़ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रू...


जोधपुर: क्रीडा भारती जोधपुर महानगर द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर एक पावन खिड़ दौड़ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शहर की महापौर वनीता सेठ और भाजपा जिला अध्यक्ष देवेंद्र सालेचा, समाजसेवी व पर्यावरण एम्बेसडर निर्मल गहलोत,एसकेजी कैंसर अस्पताल के निदेशक dr आनंद गोयल, सिक्स पैक ऐप्स गर्ल पूजा बिश्नोई, बाबूलाल दायमा,पुष्पा जांगिड़ सबिर हुसैन  ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


कार्यक्रम संयोजक वरुण धनाडिया ने बताया कि दौड़ में सैकड़ो की संख्या में पुरुष महिला वर्ग के खिलाड़ियों ने भाग लिया।महिला वर्ग की दौड़ में प्रथम स्थान पर कुमारी पारुल, द्वितीय स्थान पर गंगा कुमारी, और तृतीय स्थान पर राज कुमारी वहीं पुरुष वर्ग की दौड़ में प्रथम स्थान पर गंभीर सिंह, द्वितीय स्थान पर शक्ति सिंह, और तृतीय स्थान पर देवराम रहे ने सफलता प्राप्त की। दौड़ में दोनों वर्ग के प्रथम तीन विजेता प्रतिभागियों को 5100,3100,2100 का पुरस्कार देकर सम्मानित किया। धनाडिया ने बताया कि इस दौड़ में अद्भुत बात यह रही की 76 साल के बंसीलाल वर्मा जी ने भी दौड़ में भाग लिया वह पूरी की।प्रांत सचिव सचिव ओम प्रकाश पुरोहित ने पावन खिंड  के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रांत अध्यक्ष पृथ्वीराज सिंह जोधा, महानगर अध्यक्ष राज सारस्वत, सचिव नीरज कौशिक कार्यक्रम, प्रभारी तेजेंद्र जोधा वह समस्त क्रीडा भारती टीम उपस्थिति रही। 

इस आयोजन ने खेल प्रेमियों और नागरिकों में उत्साह और जोश भर दिया। क्रीडा भारती जोधपुर महानगर द्वारा ऐसे आयोजनों से युवाओं में खेल भावना को बढ़ावा देने का प्रयास निरंतर जारी रहेगा। 

इस आयोजन में CMHO मेडिकल टीम,  और जोधपुर ट्रैफिक पुलिस का भी विशेष सहयोग रहा, जिसने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्या है पावन खिंड दौड़  महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की एक अदभुत लड़ाई की कहानी पावन खिंड कहलाती है। यह लड़ाई शिवाजी महाराज कीे सेना और आदिलशाह के बीच लड़ी गई थी।इसमें महाराज की सवारी लेकर सेना 56 किलोमीटर दौड़ी थी, उस स्थान पर शिवाजी महाराज के कई सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हुए, बाद में उस जगह का नाम पावनखिंड रखा गया।उसी की याद में यह पावन खिंड दौड़ होती है।