मेहबूब सिंधी बाड़मेर राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सत्ता के लिए बीते दो दिनों से जारी सियासी घमासान को लेकर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री कैल...
मेहबूब सिंधी
बाड़मेर राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सत्ता के लिए बीते दो दिनों से जारी सियासी घमासान को लेकर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी आक्रामक नजर आए। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा सहित कई युवा नेताओं की सत्ता.संगठन से बर्खास्तगी के बाद कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस आलाकमान की कार्यप्रणाली को लेकर एक के बाद एक कई कटाक्ष किए।
मंगलवार दोपहर को कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सचिन पायलट सहित अन्य बागी नेताओं की बर्खास्तगी के बाद सचिन पायलट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखा . सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने शायराना अंदाज में उनका हौसला बढ़ाते हुए लिखा .जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँए समझ न इनको वस्त्र तू! ये बेड़ियां पिघाल के बना ले इनको शस्त्र तू विरोधी ताकतों के विरोध में आवाज उठाने के लिए आपका अभिनंदन।
इसी तरह गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री पद से बर्खास्त हुए विश्वेन्द्र सिंह ने नाराजगी भरे शब्दों में ट्वीट किया . काट कर ज़ुबान मेरी कह रहा है वो ज़ालिम अब तुझे इजाज़त है हाले दिल सुनाने की इसके जवाब में कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने रीट्वीट किया कि शेर की आवाज़ दबाना गीदड़ों में इतना दुस्साहस कहां! इस पर विश्वेन्द्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री का आभार जताया।
युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से बर्खास्त हुए विधायक मुकेश भाकर ने लिखा . मैं तो चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बना हूँए अशोक गहलोत कौन होते है मुझे हटाने वाले! इस पर विधायक भाकर का उत्साहवर्धन करते हुए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि खलनायक का खौफ अब ज्यादा दिन नहीं रहेगा। आज का युवा हुनर का धनी है उसे दबाना आसान नहीं।
पूरे सियासी घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जिस सरकार से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस के तीन अग्रिम संगठनों ;सेवादल यूथ कांग्रेस एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ही संतुष्ट नहीं है तो फिर जनता द्वारा उस सरकार से सुशासन और न्याय की उम्मीद करना ही बेमानी है। श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राजस्थान सरकार के घटनाक्रम ने कांग्रेस की विचारधारा को प्रदर्शित किया है। कांग्रेस में परिश्रम पर परिक्रमा प्रणाली हावी है। एक परिवार की परिक्रमा मात्र युवा कार्यकर्ताओं की वर्षों की मेहनत को दरकिनार कर देती है।
