वित्तविहीन शिक्षकों की आर्थिक सहयोग करे सरकार अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर कुशीनगर के राजीव यादव प्रदेश संगठ...
वित्तविहीन शिक्षकों की आर्थिक
सहयोग करे सरकार
अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर
कुशीनगर के राजीव यादव प्रदेश संगठन मंत्री अटेवा उत्तर प्रदेश ने दूरभाष पर पर बित्त विहीन शिक्षकों के मुद्दे पर बातचीत की।
उन्होंने बित्त विहीन शिक्षकों की लॉक डाउन के दौरान मुश्किलों पर बोलते हुए बताया कि बित्त विहीन शिक्षक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं जहाँ प्रबंधकों द्वारा मार्च से बच्चों द्वारा शुल्क न मिलने के कारण उनका वेतन देने में असमर्थता जताई जा रही है वही दूसरी तरफ सरकार के तरफ से भी कोई राहत पैकेट या आर्थिक सहयोग प्रदान नहीं किया गया।
ध्यातब्य हो कि सरकार द्वारा प्रबंधकों पर वेतन देने का दबाव बनाया गया जिसके कारण कुछ प्रबंधकों द्वारा लिखित वेतन प्रमाण पत्र जिला विद्यालय कार्यालयों में उपलब्ध कराया गया कि उनका वेतन भुगतान कर दिया गया जबकि वास्तविकता इससे पर है जब कि अभी भी कई बित्त विहीन प्रबंधकों द्वारा वेतन देय प्रमाण पत्र नहीं दिया गया और उनका कहना है कि जब विद्यालय खुलेगा ,बच्चों का शुल्क आएगा तभी वेतन देना सम्भव हो सकेगा।
इन तमाम उहापोह की स्थिति में बित्त विहीन शिक्षक आर्थिक तंगी से गुजर रहे है।
इन तमाम बातों के बाद मैं मा0 मुख्यमंत्री जी से मांग कर रहा हूँ कि (प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख शिक्षकों को जो लगभग उत्तर प्रदेश बोर्ड के 80%बच्चों को शिक्षा देते है ) उनके जीवन निर्वाह के लिए एक सम्मान जनक आर्थिक सहयोग प्रदान करण ताकि उनका परिवार भी इस कोरोना संकट के दौरान भुखमरी से बच सके।
सहयोग करे सरकार
अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर
कुशीनगर के राजीव यादव प्रदेश संगठन मंत्री अटेवा उत्तर प्रदेश ने दूरभाष पर पर बित्त विहीन शिक्षकों के मुद्दे पर बातचीत की।
उन्होंने बित्त विहीन शिक्षकों की लॉक डाउन के दौरान मुश्किलों पर बोलते हुए बताया कि बित्त विहीन शिक्षक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं जहाँ प्रबंधकों द्वारा मार्च से बच्चों द्वारा शुल्क न मिलने के कारण उनका वेतन देने में असमर्थता जताई जा रही है वही दूसरी तरफ सरकार के तरफ से भी कोई राहत पैकेट या आर्थिक सहयोग प्रदान नहीं किया गया।
ध्यातब्य हो कि सरकार द्वारा प्रबंधकों पर वेतन देने का दबाव बनाया गया जिसके कारण कुछ प्रबंधकों द्वारा लिखित वेतन प्रमाण पत्र जिला विद्यालय कार्यालयों में उपलब्ध कराया गया कि उनका वेतन भुगतान कर दिया गया जबकि वास्तविकता इससे पर है जब कि अभी भी कई बित्त विहीन प्रबंधकों द्वारा वेतन देय प्रमाण पत्र नहीं दिया गया और उनका कहना है कि जब विद्यालय खुलेगा ,बच्चों का शुल्क आएगा तभी वेतन देना सम्भव हो सकेगा।
इन तमाम उहापोह की स्थिति में बित्त विहीन शिक्षक आर्थिक तंगी से गुजर रहे है।
इन तमाम बातों के बाद मैं मा0 मुख्यमंत्री जी से मांग कर रहा हूँ कि (प्रदेश के लगभग साढ़े तीन लाख शिक्षकों को जो लगभग उत्तर प्रदेश बोर्ड के 80%बच्चों को शिक्षा देते है ) उनके जीवन निर्वाह के लिए एक सम्मान जनक आर्थिक सहयोग प्रदान करण ताकि उनका परिवार भी इस कोरोना संकट के दौरान भुखमरी से बच सके।
