This is a sample scrolling text that has scrolls texts to the left.

Breaking News

latest

पुलिस ने दिखाई दबंगई

कुशीनगर  । रिपोर्टर अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर   । उत्तर प्रदेश में मौजूदा सरकार में पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न का मामला ल...



कुशीनगर ।
रिपोर्टर अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर 

उत्तर प्रदेश में मौजूदा सरकार में पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न का मामला लगातार सामने आ रहा है, जहां एक तरफ प्रदेश में गुंडाराज, भ्रष्टाचार व जंगलराज के खात्मे को लेकर भले ही सरकार अनेकों प्रयास कर रही है, लेकिन पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न के मामले लगातार सुर्खियों में बने रहने से हकीकत कुछ और ही बयां हो रही है । इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वर्तमान सरकार में बैठे सत्ताधारियों का रसूख काफी तगड़ा होने के कारण पत्रकारों को भी बख्शा नहीं जा रहा है, मीडिया के माध्यम से लगातार पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं को उठाया जा रहा है लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है, इससे पता चलता है कि योगीराज में दबंगों के आगे कानून भी नतमस्तक होती नजर आ रही है ।
कुशीनगर जनपद के थाना नेबुआ नौरंगिया में एक और पत्रकार उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है, जहा पर स्थानीय थाने के दो पुलिसकर्मियों के मौजूदगी में अबैध बालू खनन का वीडियो सोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के ग्रामसभा मड़ारविंदवलिया के क्रांति  चौराहे के सरेह से होकर बहने वाली गण्डक नदी का बताया जा रहा है, गण्डक नदी से निकलने के कारण नदी के बहाव के साथ असीमित मात्रा में बालू भी आ जातेे है जो अबैध खनन माफियाओ के लिए सफेद चांदी का कटोरा साबित होता है, एक पत्रकार के नाबालिक पुत्र अपने साथियो के साथ क्रांति चौराहा स्थित घाट के किनारे स्थित मैदान में क्रिकेट खेलने जा रहे थे कि बगल में बहने वाली नदी की उपशाखा से कुछ अबैध खनन माफिया बालू खनन करवा रहे थे, पत्रकार के पुत्र के द्वारा उसका वीडियो बनाये जाने से गुस्साये पुलिसकर्मियों ने अपने बचाव हेतु क्रिकेट खेल रहे बच्चों पर ही अपने साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुवे थानाध्यक्ष से शिकायत कर दिये, वही नेबुआ नौरंगिया के थानाध्यक्ष ने मौके पर पहुचकर बगैर किसी जांच पड़ताल के ही पत्रकार के नाबालिक पुत्र को घर से अमर्यादित व्यवहार करके घसीटते हुवे अपने गाड़ी में बैठाकर थाने लाकर एक मुलजिम की तरह व्यवहार किया, इस घटना की जानकारी जब पत्रकार के साथ अन्य को हुई तब पांच घण्टे के कड़ी मसक्कत के बाद बेकसूर नाबालिक को चेतावनी देते हुवे छोड़ा गया और कहा गया कि इस घटना का जिक्र किसी से भी मत करना, पत्रकार के पुत्र के साथ हुई इस घटना को लेकर पत्रकारों में रोष व्याप्त है और पत्रकार ने ये भी बताया कि यदि समय रहते हुवे उचित कानूनी कार्यवाही नही हुई तो पत्रकारों के संगठन के माध्यम से इस मामले को पुनः उठाया जायेगा और न्याय न मिलने तक संघर्ष जारी रहे ।