जोधपुर जैन संघ के धनराज विनायकिया ने बताया कि श्रीभैरूबाग जैन तीर्थ चातुर्मास बिराजित जैनाचार्य राजतिलकसुरी महाराज मुनिराज मोक्षतिलकविजय न...
जोधपुर जैन संघ के धनराज विनायकिया ने बताया कि श्रीभैरूबाग जैन तीर्थ चातुर्मास बिराजित जैनाचार्य राजतिलकसुरी महाराज मुनिराज मोक्षतिलकविजय ने दीक्षा दानेश्वरी गुणरत्नसुरी महाराज के सुरत में काल धर्म होने पर गहरी संवेदना जताते वंदन गुणगान में कहा कि काल के ऊपर किसी का जोर नहीं चलता है उन्होंने उनके शिष्यों को संवेदना पत्र में लिखा कि आप सब के शिरपात्र होने पर दुख होना स्वाभाविक है उन्होंने जिन शासन में कई बड़े.बड़े आयोजन कराए व गुणरत्नसूरी जैसा नाम वैसा काम वे गुणों के भंडार थे कई मुमुक्षुओं को दिक्षा प्रदान कर मोक्ष मार्ग आत्म कल्याण की राह बताई आप सभी अंतिम समय तक साथ रहकर गुरु कृपा पात्र बने रहे अब अधूरे रहे धर्म कार्य पूर्ण कर जैन शासन की जाओ जलाली से जिन शासन और अधिक महकाना है तभी गुरूदेव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।तीर्थं के किशोराज सिंघवी भूरमल मरडिया आदेश्वर कोचर धनजीभाई विनायका मिठ्लाल डागा आदि ट्स्ट मंडल गुरु भक्तों ने भी श्रद्धा सुमन से श्रद्धाजलि दी।