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सूर्यनगरी की घुड़सवार

जोधपुर ।  घुड़सवारी और पोलो जैसे साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए विख्यात जोधपुर राजघराने ने सूर्यनगरी की साहसी घुड़सवार साईमा ...



जोधपुर । 
घुड़सवारी और पोलो जैसे साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए विख्यात जोधपुर राजघराने ने सूर्यनगरी की साहसी घुड़सवार साईमा को अपने प्यार औऱ आशीर्वाद से यूं नवाजा की हर बेटी को गर्व हो। जोधपुर राजघराने ने हाल ही में घुड़सवारी के फलक पर एक सितारे के रूप में चमकी युवा घुड़सवार सायमा सैयद की तारीफ करते हुए उसे प्रोत्साहित किया है और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी है ।
घोड़ों और घुड़सवारी के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए विश्वविख्यात जोधपुर राजघराने ने एक बार फिर अपनी यही प्रतिबद्धता दोहराई है। इस बार जोधपुर राजघराने ने हाल ही में घुड़सवारी के फलक पर एक सितारे के रूप में चमकी युवा घुड़सवार सायमा सैयद की तारीफ करते हुए उसे प्रोत्साहित किया है और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी है ।

उल्लेखनीय है कि जोधपुर राजघराने की ओर से प्रतिवर्ष प्रतिष्ठित जोधपुर पोलो सत्र का आयोजन करके घोड़ों और घुड़सवारों को प्रोत्साहित किया जाता है। जोधपुर पोलो सत्र का विश्व भर में एक अहम मुकाम है।  जोधपुर की युवा घुड़सवार सायमा सैयद ने हाल ही में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित नेशनल ऐंड्यूरेन्स प्रतियोगिता में 60 किलोमीटर स्पर्धा में मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी 'अरावली' पर सवार हो कर शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया और गोल्ड मेडल जीता साथ ही 80 किलोमीटर रेस के लिए क्वालीफाई किया। इस उपलब्धि पर महाराजा गज सिंह ने उसे पत्र लिखकर उसकी प्रशंसा की और शुभकामनाएं दी। महाराजा गज सिंह ने अपने पत्र में हाल ही में आयोजित ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स शो के दौरान साईमा द्वारा शो जंपिंग और हेक्स प्रतियोगिता में उनके सामने किये बेहतरीन प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उसकी प्रशंसा की। उन्होंने सायमा को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए लिखा है कि भविष्य में किसी भी प्रकार के मार्गदर्शन, प्रशिक्षण या अन्य किसी भी सहायता के लिए राजपरिवार के द्वार उसके लिए खुले हैं। उल्लेखनीय है कि महाराजा गज सिंह और उनके पुत्र युवराज शिवराज सिंह स्वयं बहुत अच्छे घुड़सवार रहे हैं और राज परिवार घोड़ों के और घुड़सवारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए हमेशा तत्पर रहता है।  एक साधारण घुड़सवार की सफलता पर स्वयं महाराजा गजसिंह ने संज्ञान लेकर प्रोत्साहित करके राजपरिवार ने अपनी इसी प्रतिबद्धता को दोहराया है। अपने पत्र में महाराजा ने राजस्थानी नस्ल की घोड़ी अरावली का भी जिक्र किया। घुड़सवार साईमा सैयद ने महाराजा गजसिंह और राजपरिवार का आभार व्यक्त किया है। गौर तलब है कि साईमा पिछले काफी वर्षों से राज परिवार के संरक्षण में चौपासनी स्कूल में संचालित हो रहे हॉर्स राइडिंग ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले रही है।