मतोडा । अब शादियों में युवा टीका नामक प्रथा को नकार रहे हैं। युवाओं का मानना है कि इस प्रथा के कारण कई बार बेटी के घर वाले अपना सब ...
मतोडा ।
अब शादियों में युवा टीका नामक प्रथा को नकार रहे हैं। युवाओं का मानना है कि इस प्रथा के कारण कई बार बेटी के घर वाले अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं। कई बार तो वे जमीन-जेवर तक बेच देते हैं, ताकि वर पक्ष के मान व सम्मान में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आए। आज के दौर में टीका लौटाने वालों को सम्मान की नजरों से देखा जा रहा है। मतोडा स्थित शादी समारोह के दौरान दूल्हे को तोरण पर दिए जाने वाली टीके की राशि लडकी वालो ने देने कि पेशकश की लेकिन दुल्हे ने राशि लेने से इनकार करते हुए कहा कि अपनों पर बोझ डाल मान बढ़ाना स्वीकार नहीं। फिर बड़े-बुजुर्गों के आग्रह पर उन्होंने नेग के शगुन पर 101 रुपए व श्रीफल और नारियल स्वीकार कर समाज को टीका राशि नहीं लेने का संदेश दिया। देऊ निवासी दुल्हा विशनसिंह पुत्र धन्नेसिंह करमसोत ने कन्या के पिता मतोडा निवासी अर्जुनसिंह उफर् भंवरसिंह पुत्र सांगसिंह शेखावत से टीके कि राशि लेने से इंनकार कर कन्या स्वीकारी। दूल्हे की इस पहल का सभी ने स्वागत किया है। इस दौरान पदमसिंह, छत्रसिंह, आईदानसिंह, कानसिंह, भंवरसिंह मेडतिया, सुमेरसिंह बेगडिया, मेघसिंह, मोहनसिंह, हिम्मतसिंह शेखावत, सुमेरसिंह बामणु आदि मौजूद थें।
