कुशीनगर योगी सरकार में खुलेआम शौचालय हो या प्रधानमंत्री आवास योजना सरकारी धन लूटने में है मस्त शासन है बेखबर अबुलैस अंसारी ब्यूरो ...
कुशीनगर
योगी सरकार में खुलेआम शौचालय हो या प्रधानमंत्री आवास योजना सरकारी धन लूटने में है मस्त शासन है बेखबर
अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर
कुशीनगर खड्डा। विकासखंड के ग्राम सभा लखूआ लखूई का है। जहां एक बार फिर अधिकारी व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं में भयंकर धांधली कर दी गई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि इस ग्राम सभा में जब गांव के लोगों ने सूचना जन अधिकार अधिनियम के तहत मांगा तो पता चला कि जिन लोगों के शौचालय करीब आठ 10 साल पहले बन चुके हैं, उनके भी पैसे बड़े आसानी से निकल चुके हैं। वहीं कई लोगों ने तो कहा हम पहले से शौचालय बनवाने के लिए सक्षम है और बनवाया भी है। लेकिन इसके बावजूद भी ना जाने कैसे बड़ा गोलमाल कर हमारे नाम से भी पैसे निकाल लिए गए हैं। इसे सुनकर तो बेहद ही अजीब लगता है कि भला बिना एमआईएस हुए आखिर शौचालय के नाम पर पैसे निकले कैसे और निकल भी गए तो इस पैसे को किसने गमन किया। यह तो जांच का विषय बना हुआ है, वही ऐसे में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दिनेश गुप्ता व ब्लॉक के अधिकारियों की मिलीभगत का बड़ा खेल बताया है। और लगातार गांव वाले जांच की मांग भी कर रहे हैं, लेकिन क्या जो लोग इसमें शामिल हैं वह कभी इसकी जांच होने देंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा वर्तमान सरकार की योजनाओं को ध्वस्त कर सरकार को बदनाम करने का कुचक्र निचले स्तर के अधिकारी व ग्राम प्रधान बड़े ही जोरों शोरों से कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही तों की है ,लेकिन इसके बाद भी कुछ भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्टाचार का चोला ओढ़े लगातार एक से एक सरकारी योजनाओं को ध्वस्त कर सरकार के पैसे को गमन करने का काम कर रहे है।
योगी सरकार में खुलेआम शौचालय हो या प्रधानमंत्री आवास योजना सरकारी धन लूटने में है मस्त शासन है बेखबर
अबुलैस अंसारी ब्यूरो चीफ कुशीनगर
कुशीनगर खड्डा। विकासखंड के ग्राम सभा लखूआ लखूई का है। जहां एक बार फिर अधिकारी व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं में भयंकर धांधली कर दी गई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि इस ग्राम सभा में जब गांव के लोगों ने सूचना जन अधिकार अधिनियम के तहत मांगा तो पता चला कि जिन लोगों के शौचालय करीब आठ 10 साल पहले बन चुके हैं, उनके भी पैसे बड़े आसानी से निकल चुके हैं। वहीं कई लोगों ने तो कहा हम पहले से शौचालय बनवाने के लिए सक्षम है और बनवाया भी है। लेकिन इसके बावजूद भी ना जाने कैसे बड़ा गोलमाल कर हमारे नाम से भी पैसे निकाल लिए गए हैं। इसे सुनकर तो बेहद ही अजीब लगता है कि भला बिना एमआईएस हुए आखिर शौचालय के नाम पर पैसे निकले कैसे और निकल भी गए तो इस पैसे को किसने गमन किया। यह तो जांच का विषय बना हुआ है, वही ऐसे में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दिनेश गुप्ता व ब्लॉक के अधिकारियों की मिलीभगत का बड़ा खेल बताया है। और लगातार गांव वाले जांच की मांग भी कर रहे हैं, लेकिन क्या जो लोग इसमें शामिल हैं वह कभी इसकी जांच होने देंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा वर्तमान सरकार की योजनाओं को ध्वस्त कर सरकार को बदनाम करने का कुचक्र निचले स्तर के अधिकारी व ग्राम प्रधान बड़े ही जोरों शोरों से कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही तों की है ,लेकिन इसके बाद भी कुछ भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्टाचार का चोला ओढ़े लगातार एक से एक सरकारी योजनाओं को ध्वस्त कर सरकार के पैसे को गमन करने का काम कर रहे है।
