महिला ने लगाया था नशीली चाय पिला कर दुष्कर्म और ब्लैकमेल का आरोप, इधर आरोपी की ओर से पेश किये उस महिला के वेश्यावृत्ति में लिप्त होने के ...
महिला ने लगाया था नशीली चाय पिला कर दुष्कर्म और ब्लैकमेल का आरोप, इधर आरोपी की ओर से पेश किये उस महिला के वेश्यावृत्ति में लिप्त होने के साक्ष्य, फिर भी महिला द्वारा दर्ज मामले में जांच जारी, आरोपी की ओर से दर्ज मामले पर नहीं लिया जा रहा संज्ञान
जोधपुर। जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में एक मामला तीन महीने से ज्यादा समय से अधर में लटका हुआ है। इस मामले को लेकर पुलिस की नाकामी साफ जाहिर हो रही है। कुछ हल्कों में इस मामले को लेकर हो रही चर्चाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। इस मामले में पुलिस पर एक तरफा जांच करने के आरोप भी मढे जा रहे हैं। बता दें की दोनों ओर से मामले दर्ज हुये हैं, लेकिन पहले दर्ज हुये मामले पर ही एक तरफा जांच किये जाने के आरोप पुलिस पर लगाये जा रहे हैं। दूसरी ओर से दर्ज मामले में अभी तक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाई अथवा जांच देखने को नहीं मिली है।
यह है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत तीन अक्टूबर को नागौरी गेट क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने एक व्यक्ति पर दुष्कर्म एवं ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए महामंदिर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था। जिसको लेकर महामंदिर पुलिस थाने द्वारा जांच भी शुरु कर दी गई थी। जानकारी मिली है कि महामंदिर पुलिस थाने के जांच अधिकारी द्वारा एक तरफा जांच की जा रही है। इस जांच में अभी तक आरोपी का पक्ष जाने बिना ही आरोप को प्रमाणित मानने की कवायद की गई है। हालांकि आरोप प्रमाणित माना गया है या नहीं, इसको लेकर हम पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
इधर आरोपी की ओर से उसके पिता ने भी गत दस नवंबर को बनाड पुलिस थाने में कई धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया गया है। जिसको लेकर जानकारी मिली है कि आरोपी की ओर से दर्ज मामले में कुछ ऐसे तथ्य पेश किये गये हैं, जो आरोपी द्वारा उस महिला के साथ दुष्कर्म नहीं किये जाने की पुष्टि करते हैं। कुछ ऐसे साक्ष्य भी पेश किये गये हैं जो उस महिला का वेश्यावृत्ति में लिप्त होना दर्शाते हैं। बावजूद उसके इस मामले को अभी तक अधर में लटका रखा है। साथ ही यह जानकारी भी मिली है कि महिला की ओर से मामला दर्ज होने के बाद आरोपी ने हाईकोर्ट का सहारा लिया। जिस पर हाईकोर्ट ने आरोपी को पन्द्रह दिन के भीतर अपने पक्ष में साक्ष्य पेश करने के आदेश दिये। साथ ही जांच अधिकारी को भी एक महीने के भीतर उन साक्ष्यों पर संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच करने के सख्त आदेश दिए। बता दें कि आरोपी ने पन्द्रह दिन के भीतर ही महामंदिर पुलिस थाने में इस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी को अपने पक्ष के सभी साक्ष्य भिजवा दिये।
जांच एक तरफा क्यों...?
महिला की ओर से महामंदिर पुलिस थाने में दर्ज मामले में पुलिस पर एक तरफा जांच किये जाने के आरोप लगाये जा रहे हैं। जबकि हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच अधिकारी को उस महिला के साथ दुष्कर्म नहीं होने के साक्ष्य भिजवाये जा चुके हैं। साथ ही उस महिला की देह व्यापार में लिप्तता के तथ्य भी आरोपी की ओर से पेश किये गये हैं। बावजूद उसके महिला द्वारा लगाया गया दुष्कर्म का आरोप अभी तक आरोपी पर लगा रखा है। ऐसे में महामंदिर पुलिस थाने के जांच अधिकारी पर सवाल उठता है कि इस मामले में आरोपी की ओर से भिजवाये साक्ष्यों को संज्ञान में क्यों नहीं लिया जा रहा है? एक तरफा जांच क्यों की जा रही है? हालांकि इस मामले में अब जांच अधिकारी बदल दिया गया है। अब उच्च स्तर पर इस मामले की जांच की जानी है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि हाल जांच अधिकारी आरोपी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और तथ्यों को संज्ञान में लेंगे अथवा नहीं।