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बनाया चलता फिरता ब्लड बैंक

मेहबूब राजड़   ss news बाड़मेर ।जीवन में कुछ घटनाएं ऐसी घटित होती हैं कि वह आपको सीख देकर जाती हैं और उससे सबक लेकर इंसान का जीवन पू...







मेहबूब राजड़   ss news
बाड़मेर।जीवन में कुछ घटनाएं ऐसी घटित होती हैं कि वह आपको सीख देकर जाती हैं और उससे सबक लेकर इंसान का जीवन पूर्णतया बदल जाता है ऐसे कई लोग हैं जिनकी उदारता देखकर जीवन में कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलती हैं और इंसान खुद नेकी की राह पर चल पड़ता है। ऐसी ही घटना से प्रेरित होकर ग्रामीण तबके से संबंध रखने वाले 21 साल के युवा संजय विश्नोई ने अपने साथ युवा दोस्तों लाडूराम पंवार, सुरेश कांवा, अशोक विष्णु स्नेही डॉ.राजेश बिश्नोई के साथ मिलकर 3 साल पूर्व 3 अप्रेल 2016 को एक छोटे स्तर पर रक्त जरूरतमन्दों को रक्त उपलब्धता के लिए एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप समूह बनाकर लोगों को रक्त उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया, जिसके बाद समूह में बढ़ती रक्त जरूरत व सम्पूर्ण भारतवर्ष में सेवा के सरोकार को लेकर व्हाट्सएप समूह के नाम को ही संस्था के रूप में पंजीकृत करवा लिया। तब से इन युवकों ने रक्तदान कर लोगों की जिन्दगी बचाने का निर्णय लिया क्योंकि रक्त की लाल बूंद लोगों की जिंदगी बचाती हैं इसलिए इन्होंने अपनी संस्था का नाम लाल बूंद जीवनदाता सेवा समिति रखा। शुरुआती समय में समिति के सदस्यों की संख्या सीमित थी लेकिन युवाओं के कारवाँ की असीम सेवा द्वारा रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करने व स्वयं रक्तदान कर रक्त जरूरतमन्दों के लिए मसीहा बनकर सैंकड़ों लोगो को समिति ने अपने साथ कर लिया। राज्यभर में सड़क दुर्घटना, डिलेवरी व अन्य बीमारियों में रक्त की जरूरत को पूरा करना आज के समय में किसी चुनौती से कम नहीं है लेकिन लाल बून्द जीवनदाता सेवा समिति की प्रेरणा से युवाओं की बढ़ती जागरुकता जिले में रक्त की कमी को पूरा कर रही है। ऐसे में यह समिति केवल सोशल मीडिया पर ही नहीं आम लोगों के बीच एक चर्चा का विषय बनी हुई है इसलिए लाल बून्द जीवनदाता सेवा समिति के सदस्यों को रक्तमित्र के नाम से सम्पूर्ण भारतवर्ष में पहचाना जाता है। आज युवाओं के इस ग्रुप में प्रदेश भर के 8000 से अधिक युवा जुड़ कर न केवल रक्तदान कर लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं बल्कि राजस्थान में रक्तदान के प्रति ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहे हैं। राज्य के बहुत से जिलों व शहरों में ब्लड बैंक नहीं होने से लोगों को खून की कमी होने पर अन्य शहरों पर आश्रित रहना पड़ता था लेकिन अब इस समिति में राज्य के करीबन जिलों के सदस्य जुड़े हुए हैं जो मात्र एक फोन या सूचना आने पर तुरंत रक्तदान करने अस्पताल पहुंच जाते हैं।
जिसमें सैंकड़ों लोग सक्रिय भाव से जुड़े हुए हैं, सक्रियता के इस भाव से ग्रुप के सदस्यों के परिचितों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह या अन्य आयोजन पर ग्रुप के लोग स्वैच्छिक रक्तदान कर सेलिब्रेट करते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंद लोगों की बढ़ती रक्त जरूरत को देखकर सेवा के सरोकार मुहैया करवाने के उद्देश्य से 09 अक्टूम्बर 2017 को समिति ने डिजिटलीकरण का रूप देते हुए स्मार्टफोन के प्ले स्टोर पर ''रक्तमित्र'' नाम से एप्प भी लांच की गयी जिसमें कही प्रकार के फीचर उपलब्ध करवाए गए है। ब्लड की जरूरत पड़ने पर एप्प के माध्यम से तुरंत सीधा रक्तदाता से संपर्क साधा जा सकता है। समिति द्वारा सोशल मीडिया पर विभिन्न जगहों के अलग अलग समूह बने हैं जिनमें नेगेटिव समूह सहित अन्य रक्तदाता जुड़े हुए हैं संस्था के हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हुए है जिसके माध्यम से रक्त की जरूरत पड़ने पर सोशल मीडिया पर रक्त की आवश्यकता का संदेश आने पर समूह के सभी सदस्य सक्रिय हो जाते हैं ब्लड समूह से संबंधित रक्तदाता मरीज को रक्तदान करने के लिए कम से कम समय में भेजा जाता है। समिति से अब बहुत सी महिलाएं भी जुड़ कर रक्तदान में आगे आ रही है इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक कारगर साबित हो रहा है। समिति के युवा आधुनिकता इस बढ़ती चकाचौंध में भी सोशल नेटवर्क का सकारात्मक इस्तेमाल करते हुए मानवता की मिसाल पेश कर रहे है।
अभी तक बचा चुके 5563 मरीजो की जान
लाल बून्द जीवनदाता सेवा समिति द्वारा अभी तक 5563 जरूरतमंद मरीजो को खून उपलब्ध करवाकर नवजीवन दिया जा चुका है। इमरजेंसी में हर जरूरतमंद के लिए ब्लड बैंक से या रक्तदाता भेजकर ब्लड उपलब्ध करवाया जाता है।
750 डेंगू व कैंसर मरीजों को प्लेटलेट्स उपलब्ध करवा दे चुके नवजीवन
पिछले कुछ समय से डेंगू का प्रकोप है इसलिए विभिन्न जिलों में डेंगू के आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है ऐसी स्थिति में इनकी रक्त मित्र एप्प एक्टिव है अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों की भीड़ है लेकिन समिति के प्रदेशाध्यक्ष संजय विश्नोई , डॉ राजेश बिश्नोई व उनके समिति के सदस्य सक्रियता से मददगार बनकर निश्वार्थ भाव से सेवा में लगे हुए है। जिसमे डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए रोजाना 8 से 10 डोनर भेज प्लेटलेट्स की पूर्ति करवा सैंकड़ों डेंगू मरीजों की जान बचा रहे हैं अब तक 750 से अधिक लोगों को प्लेटलेट्स दिलाई जा चुकी है। प्लेटलेट्स रक्तदान की ऐसी प्रक्रिया है जिसमे रक्तदाता को 2 से 3 घण्टे की मशीनी प्रक्रिया से गुजरना होता है!
समिति द्वारा विभिन्न जगहों पर 42 रक्तदान शिविर भी आयोजित
लाल बून्द जीवनदाता सेवा समिति पूरे भारतवर्ष में अभी तक मात्र ढ़ाई साल के बहुत कम समय में 42 विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन कर चुकी है आयोजित 42 शिविरों में अभी तक 5286 यूनिट ब्लड संग्रहित किया जा चुका है। साथ ही समिति को शुरू करने वाले प्रदेशाध्यक्ष संजय बिश्नोई बताते है कि सामाजिक एवं अन्य कार्यक्रमों व अपनो के स्मरण को यादगार बनाने के लिए पुण्यतिथि पर भी रक्तदान के शिविर आयोजित करवाये जा चुके है।
भारतवर्ष में समिति के 35 व्हाट्सएप ग्रुप में 8000 सदस्य
लाल बंद जीवनदाता सेवा समिति नाम से पूरे भारतवर्ष में कुल 35 व्हाट्सएप ग्रुप अलग अलग जगहों के बनाकर कर 8000 सदस्यों को जोड़ा गया है। समिति के ग्रुप में सदस्य को जोड़ने से पहले व्यक्ति को रक्त जांच कर आंकड़ों को भी पहले से अंकित किया जाता है।जिसकी जरूरत पड़ने पर उसी समान समूह के रक्तदाता को ही सूचित किया जाता है ताकि जरूरतमन्द को रक्त उपलब्धता में किसी प्रकार की परेशानी न हो।