जोधपुर आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी कुंदनप्रभा के पावन सानिध्य में भीतरी शहर स्थित तेरापंथ भवन जाटाबास में पर्युषण महापर्व का सातवां...
जोधपुर आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी कुंदनप्रभा के पावन सानिध्य में भीतरी शहर स्थित तेरापंथ भवन जाटाबास में पर्युषण महापर्व का सातवां दिवस ध्यान व तप अभिनंदन समारोह मनाया गया।
साध्वी कुंदनप्रभा ने भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा में त्रिपृष्ठ वासुदेव आदि 27 भवों का सुंदर वर्णन किया। साध्वी चारित्रप्रभा ने कहा की ध्यान महामार्ग है। विश्व में सभी धर्मों के मार्ग अलग हो सकते है पर ध्यान सर्वत्र है। चौबीस तीर्थंकरों ने भी साधनाकाल में ध्यान करवाया। हर युग में मनुष्य के अशांति, तनाव और चिंता से मुक्त होकर आध्यात्मिक आनंद व आत्मरमण करने के लिए ध्यान सर्वोपरी रहा है। साध्वी विधुतप्रभा, साध्वी किरणयशा द्वारा तपस्वियों की अनुमोदना हेतु गीतिका का संगान किया गया।
इस अवसर पर संघीय संस्थाओ सभा, युवक परिषद, महिला मण्डल द्वारा सभी तपस्वियों का जैन दुपटा, साहित्य, अभिनंदन पत्र प्रदान कर अभिनंदन किया गया। सभी तपस्वियों की अनुमोदना में अनेकों ने अनुमोदन स्वरूप तपस्या करने का संकल्प स्वीकार किया। सभाध्यक्ष मूलचंद तातेड, अंकित चौधरी, सरिता डोसी, रीना जैन, नवीन संचेती ने तपस्वियों के प्रति मंगलकामना व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष मितेश जैन ने किया।
अणुव्रत समिति मंत्री विनोद सुराणा ने बताया की नमस्कार महामंत्र अखंड जप अनुष्ठान 1 सितंबर से अनवरत प्रारंभ हुआ जप आज शाम 4 बजे संपूर्ण हुआ। सभा मंत्री मुकेश चौधरी ने बताया की नवीन संचेती व आशीष मेहता सिद्धि तप, निर्मला भंडारी 8, मिनाक्षी श्रीश्रीमाल 8, डिंपल मेहता 8, हिमांशी तातेड 7, ऋतिका संचेती 7, युवक परिषद सदस्य मनीष तातेड 7, हितेन भंडारी 8, सुशील सुराणा 7, राजकुमार तातेड 7, रमेश सुराणा तेला, किशोर मण्डल सदस्य मोहित डोसी 7, नेहल सालेचा 7 उपवास, अशोक सुराणा वर्षीतप आदि भाई बहनों ने उपवास, बेला, तेला, पंचोले आदि तपस्या का प्रत्याख्यान किया।
विरेंद्र आँचलिया ने बताया की रविवार को संवत्सरी महापर्व की आराधना की जायेगी जिसमें अष्ट प्रहरी पौषध सुबह 06.15 बजे से, प्रवचन सुबह 8.15 बजे से, चार प्रहरी पौषध शाम 6.20 बजे व सामूहिक प्रतिक्रमण शाम 6.45 से प्रारंभ होगा।
