बरेली में आयुष्मान गोल्डन कार्ड लेकर आया मरीज तो अस्पताल में हुआ कुछ ऐसा बरेली। सुमित कुमार सिंह संवाददाता, आयुष्मान योजना के पात्र...
बरेली में आयुष्मान गोल्डन कार्ड लेकर आया मरीज तो अस्पताल में हुआ कुछ ऐसा
बरेली।
सुमित कुमार सिंह संवाददाता,
आयुष्मान योजना के पात्र मरीज से आईवीआरआई रोड स्थित निजी अस्पताल में हाथापाई हो गई। मरीज का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने उसे भला बुरा कहा और धक्का-मुक्की की। उसने आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड भी अस्पताल में दिखाया। इसके बाद भी उससे 10 हजार रुपये ले लिए। मरीज के साथ मारपीट की खबर मिलते ही परिजन और रिश्तेदार जुट गए। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इससे इनकार किया है।
बिलवा बाईपास निवासी मिसिरयार खान को पथरी है। बीते 15 फरवरी को परिजनों ने उसे आईवीआरआई रोड स्थित आस्था अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों के मुताबिक डॉक्टर ने जांच के बाद पथरी का ऑपरेशन करने की बात कही। उसने अल्ट्रासाउंड कराया तो दोनों तरफ पथरी होने का पता चला। आयुष्मान का गोल्डन कार्ड उसने अस्पताल के स्टाफ को दिया। मरीज का आरोप है कि उसे दाहिने हिस्से में काफी दर्द हो रहा था लेकिन डॉक्टर बाएं हिस्से का ऑपरेशन करने की बात कह रहे थे। उसने इंकार कर दिया। इसी बात पर स्टाफ से उसका विवाद हो गया। उसका आरोप है कि स्टाफ के लोगों ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके साथ हाथापाई की।
हंगामा होने की सूचना पर परिजन और घरवाले जुट गए अस्पताल में कई और मरीज भी इलाज में लापरवाही और अधिक रुपये लेने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। घरवालों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन न तो उनके अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट दे रहा है और न ही रुपये वापस कर रहा है। इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर पीके दुबे ने कहा कि आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड के तहत मरीज का इलाज किया जा रहा था। इसके लिए लखनऊ से अनुमति मांगी गई थी। अनुमति मिली थी लेकिन एक तरफ से पथरी के ऑपरेशन की मिली थी। मरीज दूसरी तरफ का ऑपरेशन कराने की जिद कर रहा था और इसी बात पर उसके साथ के लोगों ने हंगामा कर दिया। उसके साथ धक्का-मुक्की, हाथापाई करने की बात गलत है।
बरेली।
सुमित कुमार सिंह संवाददाता,
आयुष्मान योजना के पात्र मरीज से आईवीआरआई रोड स्थित निजी अस्पताल में हाथापाई हो गई। मरीज का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने उसे भला बुरा कहा और धक्का-मुक्की की। उसने आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड भी अस्पताल में दिखाया। इसके बाद भी उससे 10 हजार रुपये ले लिए। मरीज के साथ मारपीट की खबर मिलते ही परिजन और रिश्तेदार जुट गए। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इससे इनकार किया है।
बिलवा बाईपास निवासी मिसिरयार खान को पथरी है। बीते 15 फरवरी को परिजनों ने उसे आईवीआरआई रोड स्थित आस्था अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों के मुताबिक डॉक्टर ने जांच के बाद पथरी का ऑपरेशन करने की बात कही। उसने अल्ट्रासाउंड कराया तो दोनों तरफ पथरी होने का पता चला। आयुष्मान का गोल्डन कार्ड उसने अस्पताल के स्टाफ को दिया। मरीज का आरोप है कि उसे दाहिने हिस्से में काफी दर्द हो रहा था लेकिन डॉक्टर बाएं हिस्से का ऑपरेशन करने की बात कह रहे थे। उसने इंकार कर दिया। इसी बात पर स्टाफ से उसका विवाद हो गया। उसका आरोप है कि स्टाफ के लोगों ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके साथ हाथापाई की।
हंगामा होने की सूचना पर परिजन और घरवाले जुट गए अस्पताल में कई और मरीज भी इलाज में लापरवाही और अधिक रुपये लेने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। घरवालों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन न तो उनके अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट दे रहा है और न ही रुपये वापस कर रहा है। इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर पीके दुबे ने कहा कि आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड के तहत मरीज का इलाज किया जा रहा था। इसके लिए लखनऊ से अनुमति मांगी गई थी। अनुमति मिली थी लेकिन एक तरफ से पथरी के ऑपरेशन की मिली थी। मरीज दूसरी तरफ का ऑपरेशन कराने की जिद कर रहा था और इसी बात पर उसके साथ के लोगों ने हंगामा कर दिया। उसके साथ धक्का-मुक्की, हाथापाई करने की बात गलत है।
