कुशीनगर पडरौना नगर से लगभग 9 किलोमीटर उत्तर पूर्व की दिशा में उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमा पर लगे बांसी धाम कार्तिक पूर्णिमा के अवसर...
कुशीनगरपडरौना नगर से लगभग 9 किलोमीटर उत्तर पूर्व की दिशा में उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमा पर लगे बांसी धाम कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित हुई है । उक्त स्थान के लिए एक उक्ति कहा गया है जो बहुत ही मशहूर है “सौ काशी के बराबर एक बांसी”।
कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले इस स्नान पर्व के अवसर पर पड़ोसी देश नेपाल, बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अन्य स्थानों से लोग स्नान के लिए आते हैं। इस मेले में दूर-दूर से दुकानदार आकर अपनी दुकानें सजाकर लगाते हैं जिसमें टेकुआटार,बैठ वलिया ,कठकुईया सेमरिया पडरौना, खड्डा,छितौनी, तुर्कपट्टी, मनसा छापर, घुघुली, झूलनीपुर, कसया ,कप्तानगंज, तथा बिहार से बगहा तमकुहवा,धनहा, चनपटिया,नरकटियागंज ,मधुबनी आदि जगह से दुकानदार अपनी दुकान लगाकर मेला का शोभा बढ़ाते हैं इसके साथ ही साथ बिहार से झूला, मौत के कुआं, जादूगरी ,तथा कुशीनगर से झूला आदि मेले में शोभा बढ़ा रहे हैं और दर्शकों का मन बहला रहे हैं। इस वर्ष मेले की व्यवस्था के लिए मेले से पूर्व से ही सांसद कुशीनगर विजय कुमार दुबे एवं जिलाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह सहित उप जिलाधिकारी रामकेश यादव ने व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का आवश्यक निर्देश दिया था। इसी क्रम में बासी चौकी के साथ ही मेला नियंत्रण हेतु मेला में अलग से चौकी स्थापित की गई है ।जहां महिला एवं पुरुष सुरक्षाकर्मियों को पर्याप्त मात्रा में तैनात किया गया है।
