पाली सांसद पीपी चौधरी द्वारा केन्द्र सरकार से परियोजना की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के अथक प्रयासों के फलस्वरूप 12 एमएलडी सीईटीपी में जीरो लिक...
पाली सांसद पीपी चौधरी द्वारा केन्द्र सरकार से परियोजना की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के अथक प्रयासों के फलस्वरूप 12 एमएलडी सीईटीपी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रणाली को मिली थी प्रगति
- जेएलडी अपग्रेडेशन पर सांसद ने प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय वस्त्र मंत्री का जताया आभार
विकट परिस्थितियों मे गुजर रहे पाली के कपड़ा उद्योग के लिए संजीवनी समान इस परियोजना के लिए पी पी चौधरी ने पाली सांसद के रूप में निर्वाचित होने के बाद से ही इस पर काम करना आरंभ कर दिया था। सन् 2015 से लेकर पिछले 6 वर्षों से इस परियोजना को मूर्त रूप देने हेतु किए गए पाली सांसद के लगातार अथक प्रयासों को आज 12 एमएलडी सीईटीपी में जेएलडी अपग्रेडेशन के शिलान्यास के साथ ही एक साथ बड़ी सफलता मिली है।
लगातार रूप से रहे सक्रिय रूप 2014 में पाली सासंद के रूप में अपनी जनसेवा की पारी का आंरभ करने वाले पी पी चौधरी के लिए पाली को खोई पहचान दिलाना मूल संकल्प रहा। पाली के लिए कपड़ा उद्योग जो कभी उसकी प्रमुख पहचान रहा था, प्रदूषण के कारण एक अभिशाप के रूप में परिवर्तित हो चुका था। उसे प्रदूषण के दंश से मुक्त करने का संकल्प लिए पाली सांसद ने पाली को पुनः एक बार फिर से कपड़ा नगरी के रूप में ख्याति प्राप्त हो, इसकी शुरूआत उन्होने मार्च 2015 में की। भारत सरकार में तत्कालीन वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार को अपने पत्र के माध्यम से पाली में सीटीईपी प्लांट की मांग की। इस पर वस्त्र मंत्रालय ने दिनांक 12 अक्टूबर 2015 को पाली 12 एमएलडी सीईटीपी प्लांट संख्या 6 को जेएलडी (जीरो लिक्विड डिस्जार्च) कपड़ा नगरी की वर्षों पुरानी मुराद को पूरा करने के पहले कदम के रूप में सैद्धांन्तिक अनुमोदन दिया गया। इस सैद्धान्तिक अनुमोदन की पहली सफलता के बाद पाली सांसद ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और पाली के कपड़ा उद्योग के लगे दंश को मिटाने में अपनी यात्रा आंरभ कर दी।
प्लांट के फंड की व्यवस्था में रहे आगे सैद्धान्तिक अनुमोदन की स्वीकृति मिलने के बाद इस परियोजना को धरातल पर लाने के लिए सांसद पी पी चौधरी ने फंड की व्यवस्था में दिन-रात एक कर दिए। सैद्धान्तिक अनुमोदन के वर्ष यानि 2015 में सांसद ने इस परियोजना के लिए भारत सरकार से 50 करोड़ रू. की मंजूरी दिलवाई। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे से राज्य सरकार के फंड के रूप में 25 करोड़ राशि को अपने प्रयासों के माध्यम से इस अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के स्वीकृत करवाए। शेष 25 करोड़ की धनराशि सी.ई.टी.पी. पाली द्वारा व्यवस्था की गई। इस तरह से कपड़ा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण इस परियोजना के लिए सांसद चौधरी ने लगातार रूप से चाहे केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार के माध्यम से फंड की व्यवस्था से लेकर परियोजना को आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे। आज शिलान्यास के बाद पाली को न केवल अपनी खोई हुई पहचान मिलेगी बल्कि कपड़ा उद्योग को प्रदुषण के दंश से मुक्ति।
