बाड़मेर बाड़मेर जिले में अकाल की स्थिति के मध्यनजर जिला प्रशासन की ओर से पशुधन के संरक्षण के लिए अनुदानित दरो पर चारा उपलब्ध करवान...
बाड़मेर बाड़मेर जिले में अकाल की स्थिति के मध्यनजर जिला प्रशासन की ओर से पशुधन के संरक्षण के लिए अनुदानित दरो पर चारा उपलब्ध करवाने के लिए 518 चारा डिपो की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इसमें से 489 ग्राम पंचायतो में चारा डिपो प्रारंभ होने के साथ ग्रामीणो को अनुदानित दरो पर चारा उपलब्ध होने लगा है। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के मुताबिक बाड़मेर जिले में पशुधन संरक्षण के लिए जिला प्रशासन की ओर से वृहद स्तर पर चारा डिपो एवं पशु शिविरो की स्वीकृतियां जारी करने के साथ प्रभावी मोनेटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि बाड़मेर तहसील के 60 गांवों, बायतु के 30, चौहटन के 42, धोरीमन्ना के 33, गडरारोड़ के 28, गिड़ा के 30, गुड़ामालानी 34, पचपदरा 78, रामसर 27, समदड़ी 21, सेड़वा 54, शिव 20, सिणधरी 32 एवं सिवाना के 29 गांवों में चारा डिपो की स्वीकृति जारी की गई है। उनके मुताबिक पशु शिविरों के प्रभावी संचालन के लिए उपखंड अधिकारियो , तहसीलदारो एवं विकास अधिकारियो की ओर से नियमित रूप से पशु शिविरो तथा चारा डिपो का निरीक्षण किया जा रहा है। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि बाड़मेर जिले में अकाल की स्थिति एवं पशुपालको की मांग को ध्यान में रखते हुए चारा डिपो के अलावा आनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद सहायता विभाग के निर्देशानुसार 185 पशु शिविर भी स्वीकृत किए गए हैं। जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर चारा डिपो के जरिए पशुपालकों को अनुदानित दर पर चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पशु शिविर के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त होने के तत्काल बाद प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा रही है।
शिविर स्थल पर समुचित इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देशः जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने पशु शिविर स्थल पर पशुओ के लिए चारे एवं पानी के साथ छाया की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा पशुपालन विभाग के अधिकारियांे को नियमित रूप से शिविरो का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।
सोशल मीडिया के जरिए प्रभावी मॉनिटरिंगः जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू की ओर से नियमित रूप से पशु शिविरों एवं चारा डिपो के निरीक्षण के साथ सोशियल मीडिया के जरिए भी मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला कलक्टर की ओर से विभागीय अधिकारियों को नियमित रूप से चारा डिपो एवं पशु शिविरों के निरीक्षण के फोटोग्राफ नियमित रूप से जिला स्तर पर बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए है।