अबुलैस अंसारी कुशीनगर। लगातार हुए बारिश में जमींदोज हो गया गरीब महिला का आशियाना सैतुन निशा पत्नी साबिर अली है , जो झाड़वाँ के...
अबुलैस अंसारी कुशीनगर। लगातार हुए बारिश में जमींदोज हो गया गरीब महिला का आशियाना सैतुन निशा पत्नी साबिर अली है , जो झाड़वाँ के मज़ीद चौराहे पर छोटी सी गुमटी में चाय पकौड़ी की दुकान चला कर अपने परिवार का जीविका चलाती है , और रात को इस झोपड़ी में अपना जीवन गुज़ारती है।
अब रात को रात गुजारने के लिए इसके सर से टाट का साया उजाड़ चुका है , इस वीरानी और बदनाम मौसम के आलम में इन परिवारों का जीवन गुज़ारना दूभर हो गया है।
जानकारी है कि इस विपत्ति में इस महिला का दुख दर्द समझने और बांटने के लिए अभी तक न कोई सेक्रेटरी , bdo ,लेखपाल , sdm व आला अधिकारी मौके पर दर्द सुनने नहीं आये। इस गांव में इससे ज्यादे अमीर लोग जिनके पास पहले से पक्का घर हुआ करता था सेक्रेटरी और ब्लॉक के अन्य अधिकारियों की मिली भगत से 4-4 आवास मिल गया लेकिन इस महिला को सरकारी आवास से बंचित रखा गया।
बडा सवाल ये है कि अमीर को भी आवास दे दो लेकिन उससे पहले जो गरीब है वो आवास से बंचित रहने न पाए गांव के जिम्मेदारों को अपने गिरेबान में एक बार झांक लेना चाहिए कि राजनीतिक और अपने लाभ के लिए जरूरतमंद को जरूरत से बंचित नहीं करना चाहिए।