जोधपुर (पीपाड शहर) विघुत विभाग द्वारा रख रखाव के नाम पर सालाना लाखो रूपये खर्चा बताया जाता है पर हकीकत कुछ ओर ही है। खेजडला से रणसीग...
जोधपुर (पीपाड शहर) विघुत विभाग द्वारा रख रखाव के नाम पर सालाना लाखो रूपये खर्चा बताया जाता है पर हकीकत कुछ ओर ही है। खेजडला से रणसीगाव के बीच करीब आधा दर्जन ट्रांसफार्मर सडक पर ही कम ऊंचाई पर लगे हुए है तथा बबूल की झाडियो से अटे पडे है कहने को तो कागजो मे विघुत विभाग विघुत लाइन को सुचारू रूप से चलाने के लिए झाडी हटवाने का काम प्रतिवर्ष करवाता है ,पर इन ट्रांसफार्मर की स्थिति देखकर यह लगता नही।इस तरह लगे ट्रांसफार्मर हादसे को न्योता दे रहे है नियमो को ताक पर रखकर लगाये गये है ट्रांसफार्मर खेजडला एव रणसीगाव के बीच चुना भट्टा उद्दोग बहुत से कारखाने फैक्ट्री बनी हुई है यहा पर अनेको ट्रांसफार्मर लगे हुए है जिनमे से ज्यादातर नियमो को ताक पर रखकर लगाये गये है ।सड़क के किनारे लगे सभी ट्रांसफार्मर बिना की सुरक्षा संकेतो के तथा बिना किसी सुरक्षा दीवार के लगाये गये है सडक पर लगे ज्यादातर ट्रांसफार्मर तीन फीट ऊंचाई पर ही लगे हुए है नियमानुसार यह कम से कम पाच से सात फीट ऊंचाई पर लगने चाहिए थे नियमानुसार ट्रांसफार्मर पर खतरे के लिए सूचना बोर्ड तथा चारो तरफ कटिले तार की तारबंदी होनी चाहिए ।
कभी भी हो सकते है बडे हादसे:- इस तरह सड़क के किनारे लगे बडे ट्रांसफार्मर जो कि बिना किसी सुरक्षा के लगे हुए है तथा झाडियो से अटे पडे है ।यदि समय पर इन ट्रांसफार्मर को थोडी ऊंचाई पर नही लगाया जाता है तो किसी हादसे से इंकार नही किया जा सकता ।जगह-जगह झुलते तार भी झाडियो से टकराने से बडे हादसे होने का अंदेशा बना रहता है ।