बुधवार को मनाया जाएगा भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव नागौर श्री जयमल जैन पौषधशाला के प्रांगण में श्री अखिल भारती...
बुधवार को मनाया जाएगा भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव
नागौर श्री जयमल जैन पौषधशाला के प्रांगण में श्री अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ शाखा नागौर के तत्वाधान में आचार्य प्रवर पार्श्वचंद्र जी महाराज साहेब,डॉ.मुनि पदमचंद्र जी महाराज साहेब की सुशिष्याएँ समणी निर्देशिका डॉ. सुयशनिधि जी,समणी सुधननिधि जी,समणी सुयोगनिधि जी के सान्निध्य में बुधवार को भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष में दोपहर 2 बजें से भगवान महावीर की उपदेशना,प्रवचन एवं धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
ओली तप आयोजन के दौरान चल रहे प्रवचन सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ. समणी सुयशनिधि ने कहा कि चारित्र एक ऐसा चमकता हुआ हीरा है, जिसकी चमक तीनों में पहुंच जाती है। जो जीवन में चारित्र की रक्षा कर लेता है, उसे जीवन में और किसी को संभालने की जरूरत नहीं, वह अपने आप सुरक्षित हो जाता है। डॉ. समणी ने कहा कि लाख उपकार करने पर भी दुर्जन व्यक्ति दुर्जनता नहीं छोड़ता है। दृष्टि मिथ्या होने पर सच्ची बात भी कटु लगती है। श्रीपाल चरित्र में धवल सेठ की दुर्जनता को बताते हुए कहा कि वह श्रीपाल को हमेशा मारने की योजना बनाने में जुटा हुआ रहता। परन्तु अपकारी पर उपकार करने वाले कोई कोई विरलय व्यक्ति होते हैं। श्रीपाल ने हमेशा परोपकार भाव रखा और नव पद स्मरण एवं ध्यान से हर परिस्थिति में सफलता प्राप्त की। ओली तप के छट्ठे दिवस पर ज्ञान की आराधना के लिए प्रेरणा दी गई। डॉ. समणी ने कहा कि पूर्वोपार्जित पुण्य योग से पुरुष को हर पल संबल मिलना शुरू हो जाता है। पर उसके लिए साधक को उतना निर्मल, पवित्र और अपने साध्य के लिए समर्पित होना जरूरी है।
मंच का संचालन संजय पींचा ने किया।प्रवचन की प्रभावना के लाभार्थी साधर्मिक महानुभव,नागौर रहे।
आयंबिल तप की प्रभावना के लाभार्थी अमरावदेवी,हुकमीचंद मोदी परिवार रहे।
नवीन गुरा ने बताया कि आयंबिल तप का आयोजन श्री रावत स्मृति भवन में निरंतर किया जा रहा है।
इस मौके पर कंचनदेवी ललवानी,सरोजदेवी चौरड़िया,तीजादेवी पींचा, पांचीदेवी ललवानी सहित अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
फोटो परिचय-समणी वृंद को वंदन करती श्राविकाएं एवं प्रवचन देते हुए समणी डॉ.सुयशनिधि